वृतस्थ कोण संबंधी प्रमेय CLASS -10(परीक्षण)7.1 W.B board
वृतस्थ कोण संबंधी प्रमेय CLASS -10(परीक्षण)7.1 W.B board
(1)(वृतस्थ कोण संबंधी प्रमेय) समद्विबाहु Δ ABC की भुजा AB=AC है ।
समद्विबाहु त्रिभुज का परिकेन्द्र O है एवं BC भुजा एवं जिस तरफ A बिन्दु
स्थित उसके विपरीत तरफA केंद्र केंद्र O स्थित है । ∠BOC=100° होने से
∠ABC व ∠ABO का मान ज्ञात करके लिखे ।

ANS- ABC समद्विबाहु Δ है जिसमेAB=AC
∴ ∠ABC = ∠ACB
Δ OBC में ∠BOC = 100°
∴ ∠OBC +∠OCB = 180-100= 80° परिधि पर का बना ∠BAC है ।
∴ ∠ BAC = ½ ∠BOC =½ ×100° = 50°
Δ ABC में ∠ABC + ∠ACB = 180°- 50° =130°
∴ ∠ ABC = 130°⁄2 = 65° [ ∴ ∠ ABC = ∠ ACB ]
∴ ∠ABC = 65°
अब ∠ABO = ∠ABC – ∠OBC
=65° – 40° = 25°
= 65° , 25° ANS.
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(2) पास के चित्र में ΔABC के परिवृत का केंद्र O है एवं
∠AOC = 110° हो तो , ABC का मान ज्ञात करें ।

ANS- ΔABC का परिवृत का केंद्र O है ।
∠AOC = 110°
∴ पूर्णयुक्त कोण ∠AOC
= 360° – 110° = 250°
चाप AC द्वारा केंद्र पर बना पूर्णयुक्त ∠AOC और परिधि का कोण ∠ABC है ।
∴ ∠ABC अर्थात ∠B = ½ × पूर्णयुक्त ∠AOC
= ½ × 250° = 125° ANS.
(3) O केंद्रीय वृत की ABCD एक वृतस्थ चतुर्भुज है । DC भुजा को
P भुजा तक बढ़ाया गया है । ∠ BCP = 108° से ∠BOD का ज्ञात करें ।

ANS – ∠BCD + ∠BCP = 180°
∴ ∠BCD = 180° – BCP
= 180° – 108° = 72°
चाप BAD द्वारा केंद पर बना ∠BOD
और शेष परिधि पर बना ∠BCD
∴ BOD = 2× ∠BCD
= 2 × 72° = 144°= 216°
= 144° , 216° ANS .
(4) o केंद्र वृत में ∠AOD =40° एवं ∠ACB = 35° ∠BOC एवं
∠BOD का मान ज्ञात करके लिखे ।

ANS- AB चाप द्वारा केंद्र पर बना कोण ∠ACB है।
∴ ∠ AOB = 2 ∠ACB = 2 ×35°= 70°
अब , ∠BOD = ∠AOD + ∠AOB
∠BOD = 40° + 70°
∴ ∠BOD = 110°
ΔBOC में बहिष्कोण ∠BOD = ∠OBC + ∠OCB
या, ∠BOD = 2 ∠OCB [ ΔOBC में OB=OC एक ही वृत के अर्धव्यास है ।
∴ ∠OBC = ∠OCB]
∴ ∠ OCB = ∠BOD⁄2 = 110⁄2 = 55°
∴ ∠BOD = 110° , ∠BCO = 55° ANS.
(5) पास के चित्र में o केंद्र बाले वृत में ∠APB = 80° होने से ∠AOB
एवं ∠COD के मान का योग ज्ञात करें तथा युक्ति सहित प्रमाणित करें ।

ANS . ΔPBC में ∠APB बहिष्कोण है ।
∴ ∠APB = ∠PBC + ∠PBC
या, ∠ APB = ∠ABC + ∠DBC
∴ ∠ABC + ∠DBC = 80° [ ∠APB = 80°]
चाप AB द्वारा केंद्र पर बना ∠AOB और परिधि का कोण ∠ACB है ।
∴ ∠ACB = ½ ∠AOB ………… (i)
पुनः चाप CD द्वारा केंद्र पर का बना ∠COD और परिधि का कोण ∠DBC है।
∴ ∠DBC= ½ ∠COD ……………(ii)
अब ∠ABC + ∠DBC = 80°
या, ½ ∠AOB +½ ∠COD = 80°
या, ½(∠AOB + ½∠COD) =80°
∴ ∠AOB + ∠COD = 80 × 2 = 160°
=160° ANS.
(6) पास के चित्र के तरह C और D केंद्र बाले दो वृत बनाया , जो एक दूसरे को
A और B बिन्दु पर काटते है । A से गुजरने बाली सरल रेखा खिंची गई जो C
केंद्र बाले वृत को बिन्दु P पर काटती है तथा D केन्द्रीय वृत को Q बिन्दु पर
काटती है , तो प्रमाणित करें की (i) ∠PBQ =∠CAD (ii) ∠BPC =∠BQD

ANS. C और D केन्द्रों वाले दो वृत एक दूसरे को A और B बिन्दु पर काटते है ।
A से खीची गई रेखा दोनों वृतों को क्रमश : P और Q बिन्दुओं पर काटती है । तो
प्रमाणित करें कि (i) ∠PBQ = ∠CAD (ii) ∠BPC = ∠BQD
रचना – AB, CD, BC, PC, BD, AD , DQ , BD को मिलाया गया ।
प्रमाण – AP चाप द्वारा केंद्र पर का बना ∠ACP और परिधि ∠ABP है ।
∴∠ABP =½∠ACP ………….(i)
पुनः AQ चाप द्वारा केंद्र पर बना ∠ADQ और परिधि का ∠ABQ है ।
∴ ∠ABQ = ½∠ADQ ……….(ii)
i और ii से ∠ABP +∠ABQ = ½∠ACP +½∠ADQ
∠PBQ =½{∠ACP +∠ADQ }
2 ∠PBQ = ∠ACP +∠ADQ …………..(iii)
ΔACP में PC = CA
∴ ∠CPA = ∠CAP
अब ∠ACP + ∠CPA + ∠CAP =180°
∠ACP + ∠CAP +∠CAP = 180° [∴ ∠CPA = ∠CAP ]
∠ACP + 2∠CAP = 1
∴ ∠DAQ = ∠DQA
अब , ∠ADQ + ∠DAQ +∠DQA =180°
∠ADQ +∠DAQ +∠DAQ =180° [ ∴ ∠DAQ = ∠DQA ]
∠ADQ + 2∠DAQ =180°
∴ ∠ADQ =180°-2 ∠DAQ ………………. (v)
अब iv और v को जोड़ने पर
∠ACP + ∠ADQ = 180°- 2 ∠CAP + 180° – 2 ∠DAQ
∠ACP + ∠ADQ = 360° – 2 [∠CAP + ∠DAQ ]
2∠PBQ = 2 [180° – (∠CAP + ∠DAQ )]
∴ ∠PBQ = 180°- (∠CAP + ∠DAQ ) …………..(vi)
पुनः ∠CAP + 2 ∠DAQ + ∠CAD = 180°
या, ∠CAP + ∠DAQ = 180° – ∠CAD ………….(vii)
VI और VII से ∠PBQ = 180 – { 180° – ∠CAD }
∠PBQ = 180 – 180° + ∠CAD
∴ ∠PBQ = ∠CAD प्रमाणित
Δ ACB में AC = CB
∴ ∠CAB = ∠CBA
Δ ADB में AD = BD
∴ ∠DAB = ∠DBA
∴ ∠CAB + ∠DAB = ∠CBA + ∠DBA
∴ ∠CAD = ∠CBD परन्तु ∠CAD = ∠PBQ
∴ ∠PBQ = ∠CBD
∴ ∠CBD – ∠PBD = ∠PBQ – ∠PBD
∠PBC = ∠DBQ
या, ∠CPB = ∠DQB [ ∴∠PBC = ∠CPB एवं ∠DBQ = ∠DQB]
या, ∠BPC = ∠BQD (प्रमाणित )
(7) ΔABC का परिकेन्द्र O है । प्रमाणित करें कि ∠OBC + ∠BAC =90°

Ans. Δ ABC का परिकेन्द्र O है ।
प्रमाणित करना है कि ∠ OBC + ∠ BAC = 90°
प्रमाण – Δ BOC में OB = OC
[ एक ही वृत के अर्धव्यास है ]
∴ ∠OBC = ∠OCB ………………. I
[ Δ में बराबर भुजाओं के आमने सामने के कोण बराबर होते है । ]
पुनः BC द्वारा केंद्र पर का बना ∠BOC है ।
और परिधि पर का बना ∠ BAC है ।
∴ ∠BOC = 2 ∠ BAC …………..II
अब ΔBOC में ∠BOC + ∠OBC + ∠OCB = 180°
∠BOC+ ∠OBC +∠OBC =180° [∴∠OBC =∠OCB ]
= 2 ∠BAC + 2∠OBC = 180° [ ∠BOC = 2∠BAC ]
= 2 (∠BAC +∠OBC ) = 180°
∴ ∠BAC + ∠OBC = 90° प्रमाणित
(8) दो समान वृत एक दूसरे के क्रेन्द्रगामी है एवं दोनों वृत एक दूसरे को
A और B बिन्दु पर काटते है । A बिन्दुगामी सरल रेखा दोनों वृत को C और
D बिन्दु पर काटती है । प्रमाणित करें कि ΔBCD समबाहु त्रिभुज है ।

ANS – माना दोनों वृत के केंद्र क्रमश: P एवं Q है । और इनका अर्धव्यास समान °°
है । प्रत्येक वृत केआई परिधि दूसरे के केंद्र से गुजरती है । एक दूसरे को A एवं B
बिन्दु पर काटती है ।
A से गुजरने वाली सरल रेखा वृतों को C और D बिन्दु पर काटती है ।
तो सिद्ध करना है BCD एक समबाहु त्रिभुज है ।
रचना – AP,PB,PC,PQ,BQ,और BD को मिलाया गया है ।
प्रमाण – Δ APQ में AP=PQ=AQ
∴ Δ APQ एक समबाहु त्रिभुज है । ∴ ∠APQ = 60°
इसी प्रकार ΔBPQ में ΔBPQ = 60°
∴ ∠APB = ∠APQ + ∠BPQ = 60° +°60+60°= 120°
चाप AQB द्वारा केंद्र पर का बना ∠APB और परिधि का कोण ∠ ACB है ।
∴ ∠ACB = ½∠APB
= ½×120° = 60°
या, ∠DCB = 60º
इसी प्रकार चाप APB द्वारा केंद्र पर का बना ∠AQB और परिधि का कोण ∠ADB है ।
∴ ∠ADB = ½∠AQB =½ × 120° =60°
या, ∠CDB = 60°
अब ΔBCD में ∠DCB = 60° , ∠CDB = 60°
∴ ∠ CBD = 180° – ( ∠DCB + ∠CDB )= 60°
या, ∠CDB = 60°
अब में ∠DCB = 60°
∴ ∠CBD = 180° – ( ∠DCB + ∠CDB )
=180° – ( 60° + 60° )
= 180° – 120° = 60°
ΔBCD में प्रत्येक कोण 60° के बराबर है । अत: ΔBCD एक समबाहु त्रिभुज है ।
PROVED
चक्र वृद्धि व्याज को सिखने के लिए CLICK HERE
(9) Δ ABC के परिवृत का केंद्र S एवं AD ⊥ BC होने से प्रमाणित करें कि
∠BAD = ∠SAC.

ANS. Δ ABC के परिवृत का परिकेन्द्र S है । A से BC पर AD लंब खिचा गया है ।
तो सिद्ध करना है कि ∠ BAD = ∠ SAC
रचना – SA और SC को मिलाया गया है ।
प्रमाण – Δ SAC में SA= SC ( एक ही वृत के अर्धव्यास है । )
∴ ∠ SAC = ∠ SCA
अब Δ SAC में ∠ASC + ∠SAC + ∠SCA = 180°
या, ∠ASC + ∠SAC +∠SAC = 180°
या, 2∠ SAC + ∠ ASC = 180°
या, 2 ∠ SAC = 180° – ∠ ASC
∴∠SAC = 90°- ½ ∠ ASC ——(i)
पुनः AC चाप द्वारा केंद्र पर बना ∠ASC और परिधि का कोण ∠ ABC है ।
∴ ∠ABC = ½∠ASC ——-(ii)
i और ii से ∴ ∠SAC = 90° – ∠ABC [ ½ ∠ ASC = ∠ABC ]
∠ SAC = 90° – ∠ABD [ ∠ABC = ∠ ABD ]
∠SAC = ∠BAD PROVED
(10) O केन्द्रीय किसी किसी वृत AB और CD एक दूसरे को P बिन्दु पर काटते
है । प्रमाणित करे की ∠AOD +∠ BOC= 2∠BPC .यदि ∠ AOD व ∠BOC
परस्पूरक संपूरक हो, तो प्रमाणित करे की दोनों जीवाएं परस्पर लंब है।

ANS. रचना – BD , OB OC और OA को मिलाया गया ।
प्रमाण – Δ BPD में बहिष्कोण ∠BPC है ।
∴ ∠ BPC = ∠PBD + ∠ PDB
या, ∠BPC = ∠ABD+∠BDC ………(I)
चाप AD द्वारा केईएनडीआर पर का बना ∠BOC और परिधि का कोण ∠ABD है।
∴ ∠AOD = 2∠ABD ……………..(II)
उसी प्रकार BC चाप द्वारा केंद्र पर बना ∠BOC और परिधि का कोण ∠BDC है ।
∴ ∠ BOC = 2 ∠BDC ……………(III)
अब (II) और (III) से
∠AOD + ∠ BOC = 2∠ABD + 2∠BDC
या, ∠AOD + ∠BOC = 2(∠ABD + ∠BDC )
या, ∠AOD + ∠BOC = 2 ∠BPC प्रमाणित
पुनः ∠AOD +∠BOC = 180° ( ये दोनों कोण संपूरक है । )
∴ 2∠BPC = 180°
∴ ∠BPC = 90°
अत: AB और CD परस्पर C बिन्दु पर समकोण बनाते है । PROVED
(11) O केंद्रीय कीसी वृत में AB और CD दो जीवाओं को बढ़ाने पर वो एक दूसरे को P
बिन्दु पर काटती है । तो प्रमाणित करें कि ∠AOC – ∠BOD = 2 ∠BPC

ANS . O केंद्र वाले वृत केई दो चाप कर्ण AB और CD बढ़ाने पर एक दूसरे को P बिन्दु पर काटते
है । OA , OC , OD , BC को मिलाया गया है , तो सिद्ध करना है कि
∠AOC – ∠ BPC
प्रमाण – AC चाप पर स्थित केंद्र पर का कोण ∠AOC और परिधि का ∠ABC है ।
∴ ∠AOC = 2∠ABC ……………………………………(I)
पुनः BD चाप द्वारा केंद्र पर का ∠BOD और परिधि कोण ∠BCD है ।
∴ ∠BOD = 2∠BCD
या, ∠BOD = 2∠BCP ………………………..(II)
अब (I और II से ) ∠AOC – ∠BOD = 2∠ABC- 2∠BCP …….(III)
Δ BPC में ∠ABC बहिष्कोण है ।
∴ ∠BPC +∠BCP = ∠ABC ……………..(IV)
III और IV से
∠AOC -∠BOD = 2∠BPC + 2∠BCP – 2∠BCP
∠AOC – ∠BOD = 2∠BPC POROVED
(12) चतुर्भुज ABCD के A बिन्दु को केंद्र मानकर एक वृत बनाया गया ।
यदि B, C, एवं D से होकर जाए , तो प्रमाणित करें कि ∠CBD +∠CDB
= ½ ∠BAD

ANS. चतर्भुज ABCD के A बिन्दु को केंद्र मान कर एक वृत खिचा गया है ।
B जो B , C और D होकर जाए , तो प्रमाणित करें कि
∠CBD + ∠CDB = ½∠BAD
रचना – BD और AC को मिलाया
प्रमाण – एक ही चाप CD द्वारा केंद्र का कोण ∠CAD और परिधि का कोण
∠CBD = ½∠CAD ……………..(I)
उसी प्रकार एक ही चाप BC द्वारा परिधि का कोण ∠CDB और केंद्र का कोण
∠BAC है ।
∴ ∠ CBD = ½∠CAB …………….II
I और II से ∠CBD + ∠CDB = ½∠ CAD +½ ∠CAB =½ [∠CAD + ∠CAB ]
= ½∠ BAD
∴ ∠CAD +∠CDB = ½∠BAD PROVED
(13) Δ ABC की परिकेन्द्र O है एवं OD , BC भुजा के ऊपर लंब है । तो प्रमाणित करें
कि ∠BOD = ∠BAC .

ANS . Δ ABC की परिकेन्द्र O है ।
OD , BC पर लंब है । प्रमाणित करें कि ∠BOD = ∠BAC
रचना – O, B और O,C को मिलाया ।
प्रमाण – OD , BC पर लंब है ।
∴ BD = DC [ केंद्र से किसी चाप पर लंब जीवा को समद्विभाजित करता है ।]
समकोण Δ BOD और समकोण Δ COD में
BD=DC
OD = उभयनिस्ट है ।
∠ODB =∠ODC ( सभी 90° )
∴ Δ BOD ≅ Δ COD
∴ ∠BOD = ∠COD ∴ ∠BOD = ½ ∠BOC ……………..I
अब एक ही BC द्वारा केंद्र का कोण ∠BOC
और परिधि का कोण ∠BAC है ।
∴ ∠BAC=½ ∠BOC
∴ ∠BAC =∠ BOD [ ∴ ∠ BOD = ½ ∠BOC ] PROVED ।
(14) अति संक्षिप्त प्रश्न
(i) बहुविकल्पीय प्रश्न
(i) पास के चित्र O वृत का केंद्र एवं PQ व्यास होने से X का मान होगा
(a) 140 (b) 40 (c) 80 (d) 20
ANS – चित्र में ∠PQR = 180° -140°= 40°
अब एक ही चाप RQ द्वारा केंद्र का कोण ∠ROQ और परिधि का कोण ∠RSQ है ।
∴ ∠RSQ = ½∠ROQ
X° =½ × 40° = 20°
ANS (d) 20°

(ii) पास के चित्र O वृत का केंद्र होने से X का मान

(a) 70 (b ) 60 (C) 40 (d) 200
ANS – ∠QOR = 360°- (140°+ 80°) = 360° – 220°= 140°
अब एक ही चाप QR द्वारा केंद्र का कोण ∠QOR और परिधि का कोण ∠QPR = X है ।
∴ ∠QPR = ½ ∠QOR
∴ X° = ½ × 140° = 70°
ANS (a) 70°
(iii) पास के चित्र में o वृत का केंद्र एवं BC व्यास का मान X का मान
(a) 60 (b) 50 (c) 100 (d) 80

ANS. Δ AOB में OA = OB
∴ ∠ OAB = ∠ OBA = 50°
Δ AOB में बहिष्कोण ∠ AOC = ∠ AOC + ∠ OBA = 50°
Δ AOB में बहिष्कोण ∠ AOC = ∠ OAB + = 50° + 50°= 100°
एक ही चाप AC द्वारा केंद्र का कोण ∠ AOC और परिधि का कोण
∠ADC है
∴ ∠ ADC = ½ ∠AOC
∴ X = ½ × 100° = 50° , X = 50°
ANS (b) 50°
(IV) ABC त्रिभुज में O का परिकेन्द्र है । ∠OAB= 50° होने से ∠ACB
का मान (a) 50° (b) 100° (c) 40° (d) 80°
ANS- Δ AOB में OA = OB
∴ ∠OAB + ∠OBA = 50°
= ∠ AOB = 180° – ( ∠OAB + ∠ OBA )
= ∠AOB = 180° – (50° + 50° )
= ∠AOB =80°
चाप AB द्वारा ∠ACB परिधि का कोण और ∠AOB केंद्र का कोण है ।
∴ ∠ACB = ½∠AOB
∠ACB = ½ × 80° = 40°
= (C) 40° ANS
(v) पास के चित्र में O वृत का केंद्र होने से ∠PQR का मान
(a) 20° (b) 40° (c) 60° (d) 80°

ANS – Δ OPQ में OP = OQ
∴ ∠OPQ =∠OQP = 10°
उसी प्रकार , ΔOPQ में OR = OQ
∴ ∠ORQ = ∠OQR= 40°
अब , ∠PQR = ∠OQP – ∠OQP = 40° -10° =30°
PR चाप द्वारा केंद्र का कोण ∠POR और परिधि का कोण ∠PQR है ।
∴∠POR = 2 ∠PQR = 2 ×30° = 60°
उत्तर – (c) 60
(II) सत्य या असत्य लिखे -:

(i) पास के चित्र में O वृत का केंद्र होने से ∠AOB = 2 ∠ACD
ANS- असत्य
(i)ABC त्रिभुजाकार क्षेत्र के भीतर O बिन्दु पर इस प्रकार स्थित है कि OA = OB
एवं ∠AOB = 2 ∠ACB O बिन्दु को केंद्र मान कर OA लंबाई बाले अर्धव्यास
लेकर वृत बनाने बाले C बिन्दु वृत के ऊपर स्थित होगा ।
ANS – सत्य
(III) शून्य स्थान की पूर्ति करें ।
(i) एक चाप के ऊपर स्थित वृत्तस्थ कोण का …………….. होता है ।
Ans. एक चाप के ऊपर स्थित वृत्तस्थ कोण आधा होता है ।
(ii) O केंद्रीय वृत AB और AC दोनों जीवाओं की लंबाई समान है तथा ∠APB एवं
∠AQC वृतस्थ कोण होने से दोनों कोणों का मान _______होगा ।
ANS. O केंद्रीय वृत AB और AC दोनों जीवाओं की लंबाई समान है तथा ∠APB एवं
∠AQC वृतस्थ कोण होने से दोनों कोणों का मान बराबर होगा ।
(iii) एक समबाहु त्रिभुज के परिवृत का केंद्र O होने से उसके किसी एक भुजा द्वारा केंद्र पर बने
समकोण का मान_______ होगा ।
ANS. एक समबाहु त्रिभुज के परिवृत का केंद्र O होने से उसके किसी एक भुजा द्वारा केंद्र पर बने
समकोण का मान बराबर होगा ।
15. संक्षिप्त उतरीय प्रश्न -:
(i) पास के चित्र में O वृत का केंद्र है। ∠ABC = 120° , ∠BCO =Y° एवं ∠COA = X° होने से
X और Y का मान ज्ञात करें ।

ANS. AOC चाप द्वारा केंद्र पर का बना वाह्य कोण ∠AOC और परिधि का कोण ∠ABC है ।
∴ वाह्य ∠AOC = 2 ∠ ABC = 2×120°
बाह्य ∠AOC = 240°
∴ ∠AOC = X = 360 – 240 = 120°
∴ X = 120°
अब ∠A + ∠ B + ∠ C + ∠ O = 360°
= 30° + 120° +120° +Y = 360°
∴ Y = 360° – 270° = 90°
ANS. X = 120° , Y = 90°
(ii) ABC त्रिभुज का परिकेन्द्र O एवं D बिन्दु BC भुजा का मध्य बिन्दु है । ∠BAC =
40° होने से ∠BOD का मान ज्ञात करें ।

ANS. Δ ABC का परिकेन्द्र O एवं D , BC का मध्य बिन्दु है ।
∠BAC = 40° तो ∠BOD = ?
रचना – OD , OA और OC को मिलाया
प्रमाण – Δ BOD और Δ COD में
OA= OC [ एक ही वृत के अर्धव्यास है ]
BD=DC [ BC का मध्य बिन्दु D है । ]
OD उभयनिस् ठ है ।
∴ Δ BOD = Δ COD
∴ ∠ BOD = ∠COD ……………I
या , ∠ BOD = ½∠ BOC
अब , ∠BOC = 2 × ∠ BAC =2 × 40°
∴ ∠BOD = ½ ∠ BOC = ½ × 80° = 40° ANS
(iii) O केंद्रीय वृत के उपर A, B , C तीन बिन्दु इस प्रकार स्थित है कि AOCD एक समानान्तर
चतुर्भुज है तो ∠ AOC का मान ज्ञात करें ।

ANS– Δ AOB में OA = OB ∴ ∠ OAB = ∠OBA = X (माना)
∠OBC में OB=OC
∠OBC = ∠OCB = Y (माना)
∠ABC = (X+Y)
समानान्तर चतुर्भुज में आमने सामने कोण बराबर होते है ।
∠AOC = ∠ ABC = (X+Y)
अब ∠A + ∠B + ∠C + ∠ O = 360°
= 3( X+Y) = 360°
= 3(X+Y) 360° ∴ X + Y = 360/3 = 120°
∴ ∠AOC = X +Y = 120° ANS
(IV) ABC सद्विबाहु त्रिभुज के परिवृत का केंद्र O है एवं ∠ABC = 120° वृत का
व्यासार्ध 5 से० मी० होने से AB भुजा की लंबाई ज्ञात करों ।

ANS . चाप AXC द्वारा केंद्र पर का बना बाह्य कोण ∠AOC और परिधि
पर स्थित ∠ABC है।
∴ बाह्य ∠AOC = 2 ∠ABC = 2 × 120°
बाह्य ∠ AOC = 240°
∴ ∠ AOC = 360° -240° = 120° ANS.
(V) A और B केंद्रीय दो वृत एक दूसरे को C और D बिन्दु पर काटते है । A केंद्र बाले
वृत के उपर दूसरे वृत का केंद्र B स्थित है । ∠CQD = 70° होने से ∠CPD का मान
ज्ञात करें ।

ANS. B केंद्रीय वृत में चाप CD द्वारा
केंद्र पर बना ∠CBD और परिधि पर स्थित कोण ∠CQD है ।
∴ ∠ CBD = 2 ∠ CQD
= 2 × 70° = 140°
अब BPCD एक चक्रीय चतुर्भुज है ।
∴ ∠CPD + ∠CBD = 180°
या, ∠CPD = 180° – ∠CBD = 180° – 140° = 40° ANS.
स्वत: करें ⇒ 7.3
(I) प्रमाणित करें की एक वृत से समान चाप द्वारा निर्मित वृतस्थ्य सभी कोण समान होते है ।

ANS. O केंद्र बाले वृत का चाप AB है ।
AB चाप द्वारा बने वृतस्थ कोण ∠ACB ,
∠ADB और ∠AEB है ।
तो सिद्ध करना है कि ∠ACB = ∠ADB = ∠AEB
रचना – OA और OB को मिलाया ।
प्रमाण – AB चाप द्वारा केंद्र पर का बना ∠AOB और परिधि पर का बना ∠ACB है ।
∴ ∠ ACB = ½ ∠AOB ……..(I)
उसी प्रकार ∠ADB = ½∠AOB …………(II)
∠AEB = ½∠AOB ……………………….(III)
I ,II , III से ∠ACB = ∠ADB = ∠AEB
अत: एक वृत के समान चाप द्वारा निर्मित वृतिस्थ सभी कोण समान होते है ।
(2) प्रमाणित करें की परिधि पर स्थित एक से अधिक कोण समान होने से वे कोण जिन चापों

द्वारा निर्मित होते है , उन चापों की लंबाई समान होती है ।
Ans माना O केंद्र बाले वृत की परिधि पर
स्थित ∠APB और ∠CQD बराबर है ।
इसका अर्थ हुआ , ∠APB = ∠ CQD
तो सिद्ध करना है कि AB= CD
रचना – OA , OB , OC और OD को मिलाया ।
प्रमाण – AB चाप द्वारा केंद्र पर का बना कोण
∠AOB और परिधि पर का बना ∠APB है ।
∴ ∠COD = 2∠APB ……………….I
उसी प्रकार CD चाप द्वारा केंद्र पर का बना
∠COD और परिधि पर का कोण ∠CQD है ।
∴ ∠COD = 2 ∠CQD ………………….II
I और II से ∠AOB = ∠COD [ ∴ ∠APB = ∠CQD ]
अब Δ AOB और Δ COD में
OA = OD , OB = OC [ एक ही वृत के अर्द्धव्यास है ।]
∴ ∠AOB = ∠COD
∴ ΔAOB = Δ COD
∴ AB = CD अर्थात AB चाप = CD चाप प्रमाणित