बेरोजगारी समस्या और समाधान निबंध इन हिंदी (Berojgari)

 बेरोजगारी समस्या और समाधान निबंध इन हिंदी (Berojgari)

भूमिका –    प्रस्तुत निबंध में बेरोजगारी समस्या और समाधान के विषय में प्रकाश डालने का प्रयास किया

जाएगा जब कोई व्यक्ति के पास  योग्यता होने के बाद भी उसके योग्यता के अनुसार काम नहीं मिलता तो  उसे बेरोजगारी

कहते है। बेरोजगारी एक महादानव  के रूप में  विकराल  रूप ले बैठा है। आज हमारे देश में कई शिक्षित  लोग बेरोजगार है 

जो  डॉक्टर , अभियंता , वैज्ञानिक  आदि बेरोजगार है।  हम अपने देश में मूल्यवान मानव संसाधन को नष्ट कर रहे है।  यदि हम

भारत के बेरोजगारी दर का अवलोकन करे तो 2013  में  3.7 %  थी जबकि 2014 में यह बढ़कर 3.8 %  हो गई  है थोड़ा और

नजर डाले तो ये आंकड़ा चौंकाने वाला है , 2018 के अप्रैल -जून में  बेरोजगारी दर बढ़कर 9.8%  हो गई है  परन्तु 2019 में

यही  आंकड़ा  9.3 % हो गई  है।

बेरोजगारी समस्या और समाधान

बेरोजगारी और गरीबी साथ – साथ चलती है , रोजगार  मिलने से युवा तनाव में आ जाते है , इससे बचने के लिए शराब , ड्रग्स ,
आदि  सहारा  ले लेते है। कुछ लोग चोरी , छिनतई , डकैती , कत्ल आदि गलत रास्तों में चले जाते है। कुछ नौजवान तनाव
कारन तो आत्महत्या तक कर लेते है। 
बेरोजगारी समस्या और समाधान  निबंध इन हिंदी (Berojgari)
बेरोजगारी समस्या और समाधान निबंध इन हिंदी (Berojgari)
बेरोजगारी समस्या और समाधान

भारत में बेरोजगारी दर क्यों  बढ़ती जा रही है ?  इसका कारन हम लोग निम्नलिखित देखेंगे -: 

  •  बढ़ती जनसंख्या –   भारत में बेरोजगारी बढ़ने का सबसे प्रमुख और प्रथम कारन  यहां की बेलगाम बढ़ती जनसंख्या  है।  हमारे देश में नौकरी  के कई अवसर है  परन्तु  10 नौकरी के लिए 10 हजार आवेदन आ जाते है।  आज हम पूरी दुनिया में जनसंख्या  के दृश्टिकोण  से दूसरे नंबर पर आते है , यदि हमारी जनसंख्या  इसी रफ़्तार से बढ़ती रही तो आने बाली पीढ़ी के और भी समस्या उत्पन्न हो जायेगी।  
  • आज की शिक्षा व्यवस्था – बेरोजगारी का  दूसरा सबसे  महत्वपूर्ण कारन हमारा शिक्षा व्यवस्था है , हमारे शिक्षा व्यवस्था  सैद्धांतिक शिक्षा पर विशेष जोर देता है  ,  जब विद्यार्थी स्नातक या स्नातकोत्तर  की डिग्री ले कर निकलता है तो हमारे इस व्यावहारिक दुनिया में इसका कोई विशेष महत्त्व नहीं रह जाता है , हमें शिक्षा के साथ कौशल विकास पर भी जोर देना चाहिए।  “आचार्य विनोवा भावे” के अनुसार विद्यार्थियों को व्यवहारिक शिक्षा का ज्ञान अति आवश्यक है वो कहते है कि जिस प्रकार ऐसा नहीं हुआ की भगवान श्री कृष्ण ने पहले अर्जुन को कक्षा में गीता पाठ पढ़ाया तब युद्ध भूमि में लेकर गए , उन्होंने युद्ध भूमि में ही गीता का उपदेश  दिए इस प्रसंग से आचार्य विनोवा भावे जी यह कहना चाहते है कि   विद्यार्थीयों को भी असल जिंदगी में उतरकर   व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करना चाहिए  नहीं तो आज कि शिक्षा व्यवस्था एक बंदर कूद के सामान है । 
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान
  • मंद आर्थिक विकास –  भारत का आर्थिक विकास बहुत ही धीमा है , जिस से पर्याप्त नौकरी का निर्माण नहीं हो पाता है  और अधिकांश लोग बेरोजगार ही रह जाता है। 
  • तकनीकी का विकास बेरोजगारी का सबसे मुख्य  कारणों में से यह भी एक मुख्य  कारन है। तकनीकी का प्रयोग बढ़ने से कारखानों , दफ्तरों  आदि में  नौकरी की संख्या में भारी कटोती हुई है इसका कारन है , जिस कार्य को करने के लिए पहले कई लोगो की जरुरत पड़ती थी। वहीं उसी कार्य को कम समय में  कम लोगो द्वारा कर लिया जाता है ये कारन भी बेरोजगारी को भी बढ़ाने में काफी योगदान दिया है। 
  • उद्योग का अपर्याप्त विकास – भारत में उधोग का विकास भी बहुत कम हुआ है  इस से नौकरी का सृजन  भी कम होता है। 
  • कुटीर उधोग के प्रति उदासीनता – आज कुटीर उधोग की स्थिति  बद से बदतर  होती जा रही है , इसका कारन है , सरकार की उदासीनता इसे करने वालो को ना प्रोत्साहन मिलता है ना  कर्ज जैसे बुनकर , लकड़ी , बास आदि से बनने वाले कलाकृतियां  आदि।  ये लोग भी बेरोजगार  हो रहे है। 
बेरोजगारी समस्या और समाधान
बेरोजगारी के समाधान के  लिए निम्नलिखित देख सकते है – :
  • जनसंख्यां नियंत्रण – बेरोजगारी  हराने लिए  जनसंख्या पर नियंत्रण लगाना बहुत ही महत्वपूर्ण  जाता है। सरकार को  चाहिए की लोगों  को छोटा परिवार रखने के लिए  प्रेरित करे।  जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार कई कदम उठाई है।  जनसंख्या नियंत्रण के लिए  सरकार को कठोर कानून बनाए जाने की  जरुरत है। 
शिक्षा पद्धत्ति -:  सरकार को चाहिए कि शिक्षा पद्धति में व्यावहारिक शिक्षा को अवस्य शामिल करे पढाई समाप्त होने के बाद 
रोजगार के लिए चिंतित ना होना पड़े। नौकरियां आज है परन्तु इसके योग्य उमीदवार  का आभाव है , सॉफ्ट वेयर  कम्पनियां ,
आउटसोर्सिंग कंपनियाों को  योग्य उमीदवार नहीं मिलती है। 
  • कुटीर उद्योग -:  बेरोजगारी को हराने के लिए कुटीर उद्योग को प्रोत्साहित करना पड़ेगा। सरकार इनके उद्धार के लिए  कई कोशिश कर रही है , सरकार इनके कारीगरों को कम व्याजदरों में  कर्ज दे रहीं है।  ऐसे उद्योगो से कई रोज़गार का सृजन भी करतीं है। सरकारे भी इस बात पर जोर दे रही है  स्थानीय उधोगों को बल मिले , इन छोटे उद्योगों को सरकार कहती है विश्व में आज जो भी कंपनी ग्लोबल है।, वो कभी  ना कभी स्थानीय कंपनी अवश्य रही होगी , उस पर मेहनत करने  उस पर विश्वास करने और गर्व करने से  आज वो ग्लोबल है ,  यही जरुरत आज हमारे स्थानीय कंपनयो  को है , ये भी रोजगार का बहुत बड़ी स्रोत बन सकती है। 
  •   ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रोज़गार – ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए गांव में रोज़गार के प्रशिक्षण का बंदोवस्त करना चाहिए  ताकि कृषि के बाद  रोजगार से आय कर सके और शहर में रोज़गार के लिए दवाब कम  हो  सकेगा। 
  • विदेशी कंपनियां को आमंत्रण – भारत सरकार को चाहिए विदेश की कुछ कंपनियां को आमंत्रण करे की वो आकर हमारे देश में आकर बनाये , इनके हमारे देश में प्लांट लगाने से  रोज़गार में  वृद्धि होगी। हमारे वर्तमान (2020) सरकार भारत  में बनाये (Make in India ) पर विशेष जोर दे रही है। 
  •  सरकार के तरफ से कई तरह की कोशिश  जारी है बेरोजगारी  पर लगाम  लगाने के  लिए , सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही कर रहीं है।     

 

           (1) रोज़गार आश्वासन योजना  (2)स्वर्ण जयंती रोज़गार  योजना (3)  सूखा पर्यावरण                 क्षेत्रीय कार्यक्रम।  (4)

जवाहर रोज़गार योजना  (5) नेहरू रोज़गार योजना 

          (6) मनरेगा  योजना (रोज़गार गारंटी योजना )   


उपसंहार — अंत में हम यह कह सकते है कि हालांकि बेरोजगारी एक  मुख्य समस्या है , इसे हराने के लिए  हर तरफ से

कोशिश  रही है परन्तु और भी  प्रयास की  जरुरत  है , आशा है वो दिन जल्द ही आएगा  जब बेरोज़गारी नामक राक्षस हमारे

देश  में जल्द ही हारेंगे  और  युवा  एवं  युवती  अपने योग्यता  बढाकर  देश के विकास में योगदान  देंगे और अपनी ऊर्जा का

सकारात्मक प्रयोग करेंगे। 

 

बेरोजगारी समस्या और समाधान

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