क्रिया किसे कहते है और उसके भेद (Kriya kise kahte hai)

क्रिया किसे कहते है और उसके भेद (Kriya kise kahte hai)

प्रश्न –  क्रिया किसे कहते है और उसके भेद को

उदाहरण सहित समझा कर लिखो । 

क्रिया किसे कहते है और उसके भेद (Kriya kise kahte hai)

                                                                                                                                                                                        उत्तर -जिस वाक्य में किसी के काम के होने का  वोध हो उसे क्रिया कहते है ।

जिन पदों से किसी कार्य के होने या करने का बोध होता है , उसे क्रिया कहते है ।

जैसे -हँसना  , रोना , पढना आदि ।

क्रिया के मूल रूप को धातु कहा जाता है ।

जैसे – पढ़ूगा , पढ़ता है ,  पढ़ता था , पढ़ता  रहा होगा , पढना चाहिए इन सभी में

“पढ़”  समान रूप से होता है यह समान रूप से पाये

जाने वाले शब्द को ही क्रिया मूल या धातु कहते है ।

क्रियाएँ विकारी होते है , कर्ता के लिंग ,वचन, पुरुष एवं काल के अनुसार इनके  रूप

बदलते है ।

क्रिया किसे कहते है और उसके भेद (Kriya kise kahte hai)
क्रिया

क्रिया के मुख्यता: दो भागों में बाटा जा सकता है । 

(1) कर्म के आधार पर 

(2) प्रयोग के दृष्टि से । 

(1) कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद है । 

(i) अकर्मक क्रिया(Transitive verb)

(ii) सकर्मक क्रिया(intransitive verb )

प्रश्न – अकर्मक क्रिया किसे कहते है और उसके भेद

(i) अकर्मक क्रिया(intransitive verb)- जिस क्रिया में कर्म का लोप होता है , उसे

अकर्मक क्रिया कहते है ।

जिस वाक्य में क्रिया के प्रयोग में  कर्म की आवश्यकता नहीं होती ,

उसे अकर्मक क्रिया  कहते है ।

अकर्मक क्रिया में कार्य का करना या होना स्वत: ही पता चल जाता है  और

उसका  असर सीधे कर्ता पर होता है ।

राम पढ़ता है ।           गीता पढ़ेंगी ।

बच्चा  हँस  रहा है ।       में आऊँगा ।

यहाँ पढ़ना , हँसना , आना , क्रियाओं को कर्म के लिए नहीं बल्कि क्रमश :

राम , गीता  , बच्चा  और में पर पढ़ रहा है ।

ये सब अकर्मक क्रियाएँ है ।

अकर्मक क्रिया की पहचान  (Identification of infransitive verb)- 

वाक्य अकर्मक है या नहीं ये जानने के लिए वाक्य में  क्या लगा कर प्रश्न करना चाहिए

यदि उत्तर ना में मिले तो अकर्मक क्रिया कहलाता है ।

उदाहरण – घोडा दौड़ रहा है ।  प्रश्न  -क्या दौड़ रहा है ? उत्तर – —-*——-

अकर्मक क्रिया

पक्षी उड़ रही है ।    प्रश्न – क्या उड़ रहीं है ?   उत्तर ——*———

अकर्मक क्रिया

लड़कियां हंस रही है ।  प्रश्न – क्या हंस रही है ?   उत्तर —–*——-

अकर्मक क्रिया

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प्रश्न – सकर्मक क्रिया किसे कहते है और उसके भेद

(ii) सकर्मक क्रिया(transitive verb ) –: जिस क्रिया में कर्म होता है उसे सकर्मक क्रिया कहते है ।

जिस वाक्य में क्रिया के प्रयोग में कर्म की आवश्यकता होती है ,

उसे सकर्मक क्रिया कहते है ।

उदाहरण -: मीना गाना गाती है ।              रमन  पत्र लिखता है ।

इस वाक्य में गाना , तथा  पत्र  कर्म का प्रयोग  हुआ है ।  इसलिए ये सकर्मक क्रिया है ।

ध्यान देने योग्य बातें -;

  •  सकर्मक क्रिया में क्रिया का फल कर्ता पर नहीं बल्कि कर्म पर पड़ता है ।
  •  सकर्मक क्रिया को पचानने का  नियम यह है  कि वाक्य में क्या अथवा किसे

लगाकर प्रश्न करना चाहिए उत्तर सकर्मक

क्रिया कहलाता है ।

जैसे – माँ खाना बना रही है ।       प्रश्न –  माँ क्या बना रहीं है ?

उत्तर – खाना

अत: खाना  सकर्मक क्रिया है।

* सकर्मक क्रिया उसे भी कह सकते  है जिसमे  कर्म उपस्थित ना हो परंतु

क्रिया को कर्म कि अपेक्षा हो तो भी वह सकर्मक क्रिया ही कहलएगी ।

उदाहरण -:

में खेलता हूँ ।                        ( खेल  कर्म कि अपेक्षा है । )

मोहन जाता है ।                    ( स्कूल कर्म कि अपेक्षा है । )

* कुछ सकर्मक क्रिया में दो कर्म कि आवश्यकता होती है उसे द्विकर्मक क्रिया कहते  है ।

जैसे –

दुकानदार ने श्याम को सेव दिया ।                                         ( दुकानदार और सेव दो कर्म है ।)

राजू ने रमन को पुस्तक दी ।                                                   ( राजू और पुस्तक दो कर्म है । )

सकर्मक क्रिया के भेद – सकर्मक क्रिया के मुख्य दो भेद होता है ।

(1) एकर्मक क्रिया – जिस क्रिया में मात्र एक कर्म की ही जरूरत होती है उसे एककर्मक

क्रिया कहलाता है । जैसे – राम ने किताबें खरीदें ।  उसने रोटी खाई ।

पापा आम लाये ।

उपर्युक्त वाक्य में प्रश्न करने पर क्रमश: किताबें , रोटी , आम  आया है ।यहीं  इन वाक्यों के कर्म

है ।  वाक्य में एक ही कर्म प्रयोग होने से एककर्मक वाक्य कहलाएगा ।

(1) द्विकर्मक  क्रिया – जिन क्रियाओं में कार्य का प्रभाव दो कर्मो पर पड़ता है । द्विकर्मक क्रिया

कहलाता है । उदाहरण – (1) पापा ने मुझे पैसे दिये ।  (2) मेने राहगीर को पानी पिलाया

(3) राम ने श्याम को किताबें दी ।  (4) शिक्षक ने विद्यार्थी को गृह कार्य दिया ।

उपर्युक्त वाक्य में क्या प्रश्न करने पर उत्तर क्रमश: श्याम व किताबें , मुझे व पैसे , राहगीर व पानी

विद्यार्थी व गृह कार्य  आया है , प्रत्येक वाक्य में दो कर्म का प्रयोग हुआ है अत: वे द्विकर्मक क्रिया कहते है ।

क्रिया किसे कहते है और उसके भेद (Kriya kise kahte hai)

 प्रयोग के दृष्टि से क्रिया के मुख्य पाँच भेद होते है । 

(i) प्रेरणार्थक क्रिया  ( ii) सयुंक्त क्रिया (ii) नाम धातु 

(iv) पूर्वकालिक क्रिया  (v) सहायक क्रिया । 

 

(i) प्रेरणार्थक क्रिया –   जिस  क्रिया  से यह पता चलता है की कर्ता स्वयं

से काम नहीं करता बल्कि किसी को प्रेरणा दे कर करवाता है । प्रेरणार्थक

क्रिया कहलाता है ।  जैसे –  राहुल दर्जी से कपड़े सिलवाता है ।

माँ  नौकर से खाना बनवाती है ।

 

(ii) सयुंक्त क्रिया – : जब वाक्य में क्रिया पद के भीतर  एक से अधिक क्रिया

पद  भी आती है , तो उसे सयुंक्त वाक्य कहते है ।

वाक्य के दो क्रियाओं में  प्रायः प्रथम क्रिया मुख्य क्रिया होती है , एवं  दूसरी क्रिया

सहायक होती है । दूसरी क्रिया पहली क्रिया के अर्थ को विस्तार देती है ।

जैसे – : मैं  पढ़ रहा हूँ ।        रहा – मुख्य क्रिया   ,  हूँ –   सहायक क्रिया

 

(iii) नामधातु क्रिया -:   जब संज्ञा , सर्वनाम  , विशेषण   आदि  में  “ना ”  प्रत्यय

जोड़ कर बनने वाली क्रिया नाम धातु क्रिया कहलाती है ।

जैसे -:  बात – बतियाना   ,  चिकना – चिकनाना   , छटपट –  छटपटाना

आप – अपनाना ।

 

(iv) पूर्वकालिक क्रिया – किसी क्रिया से पहले यदि कोई  दूसरा क्रिया प्रयोग में

लाया जाता हो  तो वह पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है ।

जैसे – वह खा कर सोएगा ।          राजा खेल कर  पढ़ेगा ।

(v) सहायक क्रिया –: जब कोई क्रिया मुख्य क्रिया के साथ जुड़कर  अर्थ में

कोई विशेषता आ जाती हो , तो उसे सहायक क्रिया या रंजक क्रिया कहते है ।

जैसे – : राकेश  किताब  पढ़ा रहा है ।       रहा है – मुख्य क्रिया   , पढ़ा – सहायक क्रिया

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