कारक परिभाषा 8 भेद विषय में विस्तार से जानिए(karak in hindi
कारक परिभाषा 8 भेद विषय में विस्तार से जानिए(karak in hindi
प्रश्न – कारक-परिभाषा-8-भेद विषय में विस्तार से जानिए(karak in hindi
उत्तर – क्रिया को करने वाला कारक कहलाता है ।
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध क्रिया के साथ होता है ।
कारक कहते है ।
- डॉक्टर को किसने बुलाया ?———————रमण ने ।
- किताबें कहाँ है ? ——————————– ताखे पर।
- केक किसने काटे ?——————————-बच्चे ने ।
- आप किसे बुला रहें है ? ————————— अभिषेक को ।
- आज कौन आयेगा ?——————————-राकेश ।
- पानी कहाँ से लाते हो ? —————————–नल से ।
- शिक्षक ने किसको पढ़ाया —————————रबी को।
- तुम कहाँ रहते हो ? ———————————कोलकाता में ।
इन सभी वाक्यों में संज्ञा के पदो का क्रिया के पदो के साथ एक निश्चित संबंध देखा जा सकता है
यह संबंध ही कारक कहलाता है ।
अव्यय के बारे में पढ़ने के लिए CLICK HERE
कारक-परिभाषा-8-भेद विषय में विस्तार से जानिए(karak in hindi
संज्ञा – सर्वनाम और क्रिया के बिच बतलाने वाले शब्द कारक कहलाता है।
जैसे – राम ने रोटी खाया।
विद्यालय में बच्चे पढ़ रहें है।
पेड़ से पत्ते गिरते है।
अरे ! तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?
कारक-परिभाषा-8-भेद विषय में विस्तार से जानिए ।
कारक-परिभाषा-8-भेद विषय में विस्तार से जानिए । के मुख्य आठ भेद है ।
(i) कर्ता कारक
(ii) कर्म कारक
(iii) करण कारक
(iv) संप्रदान कारक
(v) अपादान कारक
(vi) अधिकरण कारक
(vii) संबंध कारक
(viii) संबोंधन कारक
कारक-परिभाषा-8-भेद विषय में विस्तार से जानिए ।
(i) कर्ता कारक (ने) – प्रत्येक क्रिया को करने वाला कर्ता होता है , क्रिया को करने वाला
कर्ता की आवश्यकता होती ही है । जैसे -:
बच्चे स्कूल चले गए । नेहा ने रोटी खाई ।
आलोक पढ़ रहा है । राम ने किताब खरीदी ।
उपरोक्त वाक्य में बच्चे , नेहा , आलोक , राम कर्ता है । जब सकर्मक क्रिया भूतकाल
में हो तो ने परसर्ग का उपयोग किया जाता है ।
वर्तमान काल के सकर्मक क्रिया और भूत काल के अकर्मक क्रिया के साथ ने कारक चिन्ह
(परसर्ग ) का प्रयोग नहीं होता है ।
वह खाना खाता है । ( वर्तमान काल की सकर्मक क्रिया )
पिता जी बाजार चले गए । ( भूतकाल की अकमर्क क्रिया )
(2) कर्मकारक (को ) –
किसी वाक्य में जब संज्ञा – सर्वनाम क्रिया का फल या प्रभाव पड़ता है ।
संज्ञा /सर्वनाम के रूप से अलग होने का भाव पैदा होता है उसे अपादान काराक कह्ते है ।
इसका काराक चिन्ह से( पृथक ) है ।
(6) संबंध काराक ( का , के , की , रा , रे , री ) – जिस वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के
जिस रूप का संमबंध वाक्य के दूसरे वस्तु या व्यक्ति से हो वहां संबंध कारक कह्ते है ।
मैं तुम्हारा भाई हूँ । वह श्याम की बहन है ।
तुम्हारा भाई आ रहा है ।
(7) अधिकरण काराक ( में , पर ) जिस वाक्य में क्रिया के होने का आधार का पता
चलता हो , उसे अधिकरण कारक कहते है । जैसे –
मेज पर पुस्तक है । पेड पर पक्षी बैठे थे ।
(8) संबोधन कारक ( हे , अरे ) – जिस वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के वह रूप का पता
चलता हो जिसमें किसी को बुलाना या पुकारने का पता चलता हो । इसका कारक चिन्ह
(परसर्ग ) है – हे , अरे आदि ।
अधिकरण का अर्थ होता है आधार ।
जैसे –
हे राम ! तुम फिर आ गए थे । अरे ! श्याम जरा इधर आना ।
`उत्तर – कर्म कारक और संप्रदान कारक ” को ” कारक चिन्ह का प्रयोग होता है।
कर्म कारक में ” को ” का प्रयोग ” to ” के लिए होता है जबकि संप्रदान कारक में
“को ” का प्रयोग ” for ” के अर्थ के लिए होता है ।
प्रश्न – करण कारक और अपादान कारक में अंतर क्या है ?
उत्तर – करण कारक और अपादान कारक में ही ” ” कारक चिन्ह (परसर्ग )का
प्रयोग होता है , करण कारक में ” से ” साधन के रूप में जबकि अपादान कारक में
पृथक (अलग ) के रूप में होता है ।
कारक-परिभाषा-8-भेद विषय में विस्तार से जानिए ।
कारक परिभाषा उसके भेद
कर्म संख्या | कारक(case) | परिभाषा | कारक चिन्ह | उदाहरण |
1. | कर्ता (Nominative) | क्रिया को करने बाला कर्ता कहलाता है । | ने | रमेश ने पुस्तक पढ़ी ।
कमल पढ़ लिया । |
2. | कर्म (objective) | जिस पर क्रिया का प्रभाव पड़े कर्म कारक कहलाता है । | को | श्याम को बुलाओ ।
वह कविता याद करेंगा । |
3. | कारण (instrumental) | जिसके द्वारा क्रिया किया जाए कारण कारक कहलता है । | से (के द्वारा ) | वह बस से स्कूल जाता है ।
वह पेंसिल से लिखेगा । |
4. | संप्रदान |(Dative) | जिसके लिए कुछ किया जाए या कुछ दिया जाए संप्रदान कारक कहलाता है । | को , के लिए | उसको किताब पढ़ने दो ।
मेँने तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ ,। |
5. | अपादान (Ablative) | जिससे अलगाव या पृथकता का भाव प्रकट होता हो उसे अपादान कारक कहते है । | से (पृथकता ) | वह पेड़ से गिर पड़ा ।
गंगा हिमालय से निकलती है । |
6. | संबंध (Geitive) | क्रिया से अलग किसी अन्य पद से संबंध बताने बाला संबंध कारक कहलाता है । | का/के/की/
रा/रे/री |
मोहन का कुर्ता । मोहन के कुत्ते ।
मोहन की बहन । मेरा भाई । मेरे मित्र । मेरी बहन । |
7. | अधिकरण (locative) | जो क्रिया का आधार हो अधिकरण कारक कहलाता है । | में , पर | जेब में कलम है ।
टेबल पर पुस्तके है । |
8. | संबोंधन (vocative) | जिसे पुकारा जाए संबोंधन कारक कहलाता है । | हे , अरे | हे राम! वो कब मरा ।
अरे तुम ! कब आए । |