उपसर्ग एवं प्रत्यय की परिभाषा बताइए और उसके भेद एवं उदाहरण
उपसर्ग एवं प्रत्यय की परिभाषा बताइए और उसके भेद एवं उदाहरण
प्रश्न – उपसर्ग एवं प्रत्यय की परिभाषा बताइए और उसके भेद एवं उदाहरण
- इसे भी पढे संधि और उसके भेद
उपसर्ग एवं प्रत्यय की परिभाषा बताइए
(उपसर्ग एवं प्रत्यय की परिभाषा बताइए)
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण |
1 . अति | अधिक / ज्यादा | अतिकोमल , अत्यधिक , अत्याचार , अतिक्रमण , अतिरिक्त आदि । |
2. अधि | ऊपर | अधिपति , अधिकृत , अधिवास ,
अध्ययन , अधिपति आदि |
3 . अनु | पीछे , छोटा , बराबर | अनुगमन , अनुसार , अनुकूल , अनुराग , अनुज आदि । |
4 . अप | बुरा | अपमान , अपवाद , अपकार , अपहरण , अपशकुन आदि । |
5 . अभि | सामने | अभिलाषा , अभिनय , अभिनव अभ्यास , अभिवादन आदि । |
6 . अव | हीन , बुरा | अवज्ञा , अवसर , अवतरण , अवगुण , अवतार आदि । |
7 . आ | तक | आगमन , आजीवन , आचरण , आजन्म , आदान आदि । |
8 . उत् | ऊँचा | उच्चारण , उद्धार , उत्थान ,उन्नयन , उन्नति आदि । |
9 . उप | नज़दीक, पास , समान | उपमान , उपकार , उपहार , उपचार , उपभेद आदि । |
10 . दुर / दूस् | बुरा | दुर्घटना , दुराग्रह , दुर्गुण , दुर्बल , दुर्घटना आदि । |
11 . निस | रहित ,बिना | निर्धन , निष्काम , नियम ,निहार ,निराशा आदि । |
12 . नि | नीचे , निषेध | निबंध , निहार , निपात , निरोध ,निगमन आदि । |
13 . परा | उल्टा , नाश | पराधीन , पराक्रम , पराजय ,पराभूत आदि । |
14 . परि | चारो और | परिवर्तन ,परिवार , परीक्षा , परिचालक , पर्यटन आदि । |
15 . प्र | आगे , अधिक | प्रलय , प्रक्रिया , प्रमाण , प्रयत्न , प्रताप , प्रस्ताव , प्रचार आदि । |
16 . प्रति | विरुद्ध | प्रतिदिन , प्रतिवाद ,प्रतिदान ,प्रतिरूप ,प्रतिहिंसा आदि । |
17 . वि | अलग , विशिष्ट | विज्ञान , विमुख , विरोध , विकल ,विजय , विनय आदि । |
18 . सम् | पूरा ,साथ | संजय , संतुलन , संग्राम , संगति , संकल्प आदि । |
19 . सु | अच्छा | सुफल , सुदूर , सुपात्र , सुपथ , सुजन आदि । |
20 . अन् | नहीं | अनुपयुक्त , अनुपम ,अनागत आदि । |
21. निर् | नहीं | निर्दोष , निराश , निरोग , निर्धन आदि । |
संस्कृत के कुछ एसे शब्द या शब्दांश जो समास रचना के पहले भाग में आते इतने अधिक
तद्भव उपसर्ग

- इसे भी पढ़ सकते है समस और उसके भेद
विदेशी उपसर्ग
वो विदेशी भाषाओं से जो शब्द हिन्दी में आ गए हो उसे विदेशी उपसर्ग कहते है ।
कुछ भाषाओं के उपसर्ग निम्नलिखित है ।
अरबी – फारसी के उपसर्ग -:
सर -(मुख्य )- सरपंच , सरताज
बद (बुरा ) – बदसूरत , बदनाम , बदबू , बदमाश ।
ना (अभाव ) – नापसंद , नाराज , नाबालिग , नाकारा ।
ला (नहीं) – लापरवाह , लाइलाज , लावारिस ।
हम (साथ )- हमउम्र , हमवतन , हमसफर ।
कम (थोड़ा )-कमजोर , कमउम्र , कमअक्ल ।
उपसर्ग एवं प्रत्यय की परिभाषा बताइए
कहीं – कहीं पर एक से अधिक उपसर्गों का प्रयोग होता है ।
(i) कभी -कभी एक उपसर्ग के अलग -अलग अर्थ होता है कभी -कभी तो इसका अर्थ
बिल्कुल उल्टा हो जाता है । जसे – ‘नि ‘ से नि + षेध और नि+यम दोनो बनता है ।
एवं वि से विशिष्ट ( वि + शिष्ट ) एवं वियोग (वि +योग ) दोनो बनता है ।
(ii) कुछ तत्सम उपसर्ग के अर्थ तो समान होते है परंतु रूप भिन्न -भिन्न हो सकते है ।
जैसे -दुर् , दुस् , छ , नि , ष , निर् , निस् से बनने बाले शब्द कुछ इस प्रकार है –
दुर्भग्य , दुस्साहस , उच्छ्वास , निर्जन आदि ।
(iii) तत्सम , तद्भव और विदेशज शब्द जरूरी नहीं है कि उसी कोटी के शब्द के साथ
प्रयुक्त हो ये किसी दूसरे कोटी में भी प्रयुक्त हो सकते है जैसे – “अप ” उपसर्ग “अपजस
में प्रयोग होता है , अपयश में भी , उसी प्रकार “अन ” तद्भव उपसर्ग अनजान और अनबध
दोनो में प्रयुक्त होता है ।
(iv) उपसर्ग के प्रयोग होने से शब्द में कभी व्याकरण कोटी में बदलाब होता है कभी नहीं ।
जैसे – अन+पढ़ = अनपढ़ , अ+ज्ञात = अज्ञात इसमे व्याकरण कोटी में अंतर आया है ,जबकि
अन+होनी = अनहोनी , भर+पुर = भरपूर भर+मार = भरमार के व्याकरण कोटी में कोई
बदलाब नहीं हुआ ।
प्रत्यय
कुछ शब्द के अंत में लगने बाले शब्दांश जिस से शब्द का अर्थ बदल जाता है , प्रत्यय
कहलाता है । जैसे – पहल +वान (प्रत्यय ) = पहलवान
अत: हम कह सकते है कि जो शब्दों के अंश शब्दों के अंत में लग कर उस शब्द का अर्थ
बदल दे प्रत्यय कहलाता है । जैसे – सजावट = सजा +वट , होनहार =होन +हार आदि ।
प्रत्यय को दो भागो में बाटा जा सकता हैं , (i) कृत प्रत्यय (ii) तद्धित प्रत्यय ।
कृत प्रत्यय -:
शब्द | धातुरूप | प्रत्यय |
लेनदार | लेना | दार |
होनहार | होन | हार |
उड़ान | उड़ | आन |
दुकानदार | दुकान | दार |
सजावट | सज | आवट |
पहलवान | पहल | वान |
गवैया | गा | वैया |
प्यास | पी | आस |
खिलौना | खेल | औना |
तैराक | तैर | आक |
भुलक्कड़ | भूल | अक्कड़ |
पढ़नेवाला | पढ़ने | वाला |
बुलावा | बोल | आवा |
नाशकारी | नाश | कारी |
भूला | भूल | आ |
चालक | चाल | अक |
लिखकर | लिख | कर |
मिलाप | मिल | आप |
क्रिड़ा | क्रीड़ | आ |
कुछ कृत प्रत्यय एवं एवं उससे बने कुछ शब्द ।
अन — ढक्कन , चिन्तन
ई — हँसी , बोली , धमकी
आलू – ईष्यालु , झगड़ालू , दयालु
आक – चालाक , तैराक
आस –प्यास , छपास
आवट – सजावट , मिलावट , लिखावट , बनावट
आहट – घबराहट , चिल्लाहट
आकू –लड़ाकू , पढ़ाकू
आका – लड़ाका
आवना – डरावना , सुहावना
ऊ — चालू , झाड़ू
अंत – रटंत , गढ़ंत
आ – सोचा , पढ़ा , लिखा , कहा
आवा – दिखावा , पहनावा
ऐत – डकैत , लठैत
आई – पिटाई , कमाई
संस्कृत के कृत प्रत्यय
अन – करण , चलन , जलन
अना – कामना , प्रार्थना
उक – भावुक ,
र –नम्र ,
ता – वक्ता , नेता , दाता
क – कारक , सेवक , गायक
ति- शक्ति , नीति , गति
तद्धित प्रत्यय
हिन्दी में प्रयुक्त होने वाले तद्धित प्रत्यय -:
आहट – घवराहट , चिकनाहट
ड़ा – मुखड़ा , दुखड़ा
आ – प्यासा , भूखा ,
कार – कहानीकार , स्वर्णकार , पत्रकार , इतिहासकार
आनी -पंडितानी , नौकरानी , जेठानी
आरी – बीमारी , जुआरी , पुजारी
गुना -दोगुना , तीनगुना , चौगुना
ची – तोपची , खजांची
गर – जादूगर , कारीगर
ईन – नमकीन , रंगीन
इक- समाजिक , धार्मिक
आस –खटास, मिठास
संस्कृत में प्रयुक्त होने वाले तद्धित प्रत्यय -:
अ –शाक्त
आलु – दयालु , कृपालु
इमा –महिमा , लालिमा
तम –घोरतम ,श्रेष्ठतम
ता- महानता , एकता , मानवता
मान –श्रीमान , शक्तिमान
इल –जटिल , धूमील
उर्दू में प्रयुक्त होने वाले तद्धित प्रत्यय -:
साज – जालसाज
ईश – कोशिश , आजमाइश
आना – सालाना , मेहनताना
ईना – कमीना , पसीना , महीना
दान – कमलदान , पीकदान
ई – आमदनी
हिन्दी में शब्द रचना में उपसर्ग और प्रत्यय दोनों का प्रयोग होता है
और इससे नए शब्द की रचना होती है ।
उपसर्ग | मूलशब्द | प्रत्यय | निर्मित शब्द |
निर् | दया | ई | निर्दयी |
परि | पूर्ण | ता | परिपूर्णता |
दुस् | साहस | ई | दुस्साहसी |
अनु | मान | इत | अनुमानित |
अप | मान | इत | अपमानित |
अभि | मान | ई | अभिमानित |
उप | कार | क | उपकारक |
अ | धर्म | इक | आधर्मिक |
बद | चलन | ई | बदचलनी |
हमने क्या सिखा -:
उपसर्ग एवं प्रत्यय की परिभाषा बताइए
* उपसर्ग एवं प्रत्यय से शब्द का निर्माण होता है ।
* उपसर्ग ऐसे शब्दों के अंश है , जो शब्द के आगे लगकर शब्दों का अर्थ बदल देते है ।
* उपसर्ग तीन प्रकार के होते है । – तत्सम , तधभव , विदेशज ।
* प्रत्यय ऐसे शब्दों के अंश है , जो शब्दों के अंत में लग कार शब्द का अर्थ बदल देता है ।
* उपसर्ग और प्रत्यय का स्वतंत्र प्रयोग नहीं हो सकता ।
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